Sunday, March 28, 2010

kutumsar cave

कुटुमसर
एक अध्ययन से पता चला है कि करोड़ों वर्ष पूर्व प्रागैतिहासिक काल में बस्तर की कुटुमसर की गुफाओं में मनुष्य रहा करते थे। विश्व प्रसिद्ध बस्तर की कुटुमसर की गुफाएँ कई रहस्यों को अभी भी अपने में समेटे हुए है जिनका भूगर्भ शास्त्रियों द्वारा लगातार अध्ययन किया जा रहा है। भूगर्भशास्त्रियों का कहना है कि करोड़ों वर्ष पूर्व क्षेत्र में कुटुमसर की गुफाऐं स्थित हैं वह क्षेत्र पूरा पानी में डूबा हुआ था। गुफाओं का निर्माण प्राकृतिक परिवर्तनों साथ साथ पानी के बहाव के कारण हुआ। कुटुमसर की गुफाऐं जमीन से 55 फुट नीचे हैं । इनकी लंबाई 330 मीटर है। इस गुफा के भीतर कई पूर्ण विकसित कक्ष हैं जो 20 से 70 मीटर तक चौड़े हैं। फिजिकल रिसर्च लेबोरेटरी अहमदाबाद के शोधकर्त्ताओं ने इन्हीं कक्षों के अध्ययन के बाद निष्कर्ष पर पहुँचे है कि करोड़ों वर्ष पूर्व यहाँ के आस पास के लोग इन गुफाओं में रहा करते थे। संभवत: यह प्रागैतिहासिक काल था।
चूना पत्थर से बनी कुटुमसर की गुफाओं के आंतरिक और बाह्य रचना के अध्ययन के उपरांत भूगर्भशास्त्री कई निष्कर्षों पर पहुँचे हैं। उदाहरण के लिए चूना पत्थर के रिसाव, कार्बनडाईक्साइड तथा पानी की रासायनिक क्रिया से सतह से लेकर छत तक अद्भूत प्राकृतिक संरचनाएँ गुफा के अंदर बन चुकी हैं।



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